PM Kisan FPO Yojana 2025: अगर आप किसान हैं और किसानी करते हैं तो मोदी सरकार के द्वारा शुरू की गई PM Kisan FPO Yojana आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है। Pm Kisan FPO Yojana epfo claim epfo login Pm Kisan Fpo Yojana ll fpo yojana registration 2025 ll pm kisan fpo scheme ll fpo registration online ll fpo apply online hindi ,
मोदी सरकार किसान और कृषि को आगे बढ़ाने के लिए इस योजना के तहत अगले कुछ वर्षों में हजारों करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखती है (पहले 5 वर्षों में ₹6865 करोड़ का बजट था)। जिसके लिए मोदी सरकार ने किसान उत्पादक संगठन (FPO) योजना की शुरुआत की थी।
PM किसान FPO योजना 2025: मुख्य बातें
- क्या है FPO?: Farmer Producer Organisation (किसान उत्पादक संगठन) – किसानों का समूह जो कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर होता है।
- उद्देश्य: किसानों की आय बढ़ाना, बाजार तक पहुंच आसान बनाना, मोलभाव की शक्ति बढ़ाना, कृषि लागत कम करना।
- सरकारी सहायता: प्रत्येक FPO को 3 साल तक ₹15 लाख तक की इक्विटी ग्रांट (Matching Equity Grant) और क्रेडिट गारंटी सुविधा।
- लक्ष्य: 2027-28 तक 10,000 नए FPO बनाने का लक्ष्य।
- पात्रता: किसानों का समूह (मैदानी क्षेत्र में न्यूनतम 300 सदस्य, पहाड़ी/पूर्वोत्तर में 100 सदस्य) जो कंपनी एक्ट या सहकारी समिति एक्ट के तहत पंजीकृत हो।
- आवेदन/रजिस्ट्रेशन: ऑनलाइन पोर्टल (जैसे e-NAM, SFAC) और Implementing Agencies (जैसे SFAC, NABARD, NCDC) के माध्यम से।
एफपीओ क्या होता है ? | What is FPO in Pm Kisan FPO Yojana
- एफपीओ यानी कि किसान उत्पादक संगठन (FPO – Farmer Producer Organisation ) किसानों का एक ऐसा समूह होता है जो कंपनी एक्ट (Companies Act) या राज्य सहकारी समिति एक्ट (State Cooperative Societies Act) के तहत रजिस्टर्ड होता है और सामूहिक रूप से कृषि उत्पादन, व्यापार और अन्य संबंधित गतिविधियों को आगे बढ़ाता है।
- PM Kisan FPO Yojana की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा किसानों को संगठित कर उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के उद्देश्य से की गई थी (जैसे फरवरी 2020 में यूपी के चित्रकूट से 10,000 FPOs बनाने की योजना का शुभारंभ)।
- सरकार का लक्ष्य इस योजना के तहत FPOs को वित्तीय सहायता और अन्य सुविधाएं प्रदान करना है (जैसे पहले 5 वर्षों 2019-24 के लिए ₹6865 करोड़ का बजट आवंटित किया गया था)।
- Pm Kisan FPO Yojana के तहत गठित FPO को कंपनी एक्ट के तहत फायदे मिलते हैं, लेकिन यह सामान्य कॉपरेटिव से इस मायने में अलग हो सकते हैं कि इनका फोकस किसानों की सामूहिक उद्यमशीलता और बाजार लिंकेज पर अधिक होता है।
FPO का कार्यक्षेत्र
FPO केवल फसल उगाने तक सीमित नहीं हैं। ये बीज, खाद, उपकरण की सामूहिक खरीद, फसल की प्रोसेसिंग (जैसे दाल मिल, तेल मिल), पैकेजिंग, ब्रांडिंग, स्टोरेज (गोदाम निर्माण), और सीधे बाजार में या कंपनियों को अपनी उपज बेचने जैसे काम कर सकते हैं। इससे बिचौलियों की भूमिका कम होती है और किसानों को बेहतर दाम मिलता है।
क्या आप भी एक किसान हैं , क्या आपको भी Pm Kisan FPO Yojana का लाभ लेना है ?
अगर आप का भी जवाब “हां” है, तो इस आर्टिकल को आगे पढ़ते जाएं और जानें कि आप कैसे FPO बनाकर या मौजूदा FPO से जुड़कर लाभ उठा सकते हैं।
PM Kisan FPO Registration 2025
Right now various schemes has running for the betterment of Farmers. And same has done in this PM Kisan FPO Yojana. You can call FPO works as a interest of farmers. Under this scheme the farmer of India, has getting benefit for his farming like business companies. fpo apply online
Scheme | PM Kisan FPO Yojana 2025 |
---|---|
Initiated by | Central Government of India (Ministry of Agriculture & Farmers Welfare) |
Group Named | Farmers Producer Organization (FPO) / किसान उत्पादक संगठन |
Benefit | Financial Assistance (Equity Grant up to ₹15 Lakh), Credit Guarantee, Training, Market Linkage etc. |
Beneficiaries | Farmer Members through Registered FPOs |
Registration Process | Online (Company/Society Registration first, then FPO scheme registration via Implementing Agency) |
Official Portal (Example) | enam.gov.in/fpos / SFAC Portal / NABARD Portal |
Pm Kisan FPO Yojana क्या है ? (विस्तार से)
- एफपीओ यानी कि कृषि उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organisation) ऐसे किसानों का एक कानूनी रूप से गठित समूह (लीगल एंटिटी) है जो कृषि उत्पादन कार्यों में लगे हों या कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियों (जैसे प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, इनपुट सप्लाई) को सामूहिक रूप से आगे बढ़ा रहे हों। यह एक कंपनी या सहकारी समिति के रूप में पंजीकृत हो सकता है।
- किसान एफपीओ योजना के तहत, ऐसे किसानों के समूहों (FPOs) को संगठित करने और उन्हें आर्थिक एवं तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार वित्तीय सहायता (जैसे इक्विटी ग्रांट, क्रेडिट गारंटी) और अन्य सहायता प्रदान करती है।
- Pm Kisan FPO Yojana के तहत पंजीकृत हो जाने के बाद, इन किसान समूहों को कई तरह के फायदे मिलते हैं, जिनका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और उनकी बाजार तक पहुंच सुनिश्चित करना है।
Benefits of PM Kisan FPO | किसान एफपीओ के लाभ
- बेहतर बाजार पहुंच: Kisan FPO से जुड़े लघु व सीमांत किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए संगठित बाजार मिलता है, जिससे उन्हें बेहतर दाम मिल सकता है।
- सामूहिक खरीद का लाभ: FPO सदस्य किसानों के लिए खाद, बीज, दवाएं और कृषि उपकरण आदि थोक में खरीद सकता है, जिससे लागत कम होती है और गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।
- बिचौलियों की समाप्ति: Pm Kisan FPO सिस्टम किसानों को सीधे खरीदारों या उपभोक्ताओं से जोड़ सकता है, जिससे बिचौलियों का मार्जिन खत्म होता है और किसानों का मुनाफा बढ़ता है।
- मोलभाव की शक्ति: संगठित होने के कारण, FPO बाजार में अपनी उपज के लिए बेहतर मोलभाव कर सकता है।
- मूल्य संवर्धन (Value Addition): FPO अपनी उपज की प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग, पैकेजिंग और ब्रांडिंग करके उसका मूल्य बढ़ा सकता है।
- सरकारी सहायता: सरकार FPO को शुरुआती वर्षों में वित्तीय सहायता (जैसे इक्विटी ग्रांट), क्रेडिट गारंटी फंड (CGF) के तहत ऋण गारंटी, और प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण सहायता प्रदान करती है।
- तकनीकी सहायता: FPO सदस्यों को नई कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं और बाजार की जानकारी तक बेहतर पहुंच मिलती है।
- सामाजिक पूंजी निर्माण: Kisan FPO किसानों के बीच एकजुटता और सहयोग बढ़ाता है, जिससे उनका सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण होता है।
- सरकार का लक्ष्य 2027-28 तक 10,000 नए कृषि उत्पादक संगठन (Pm Kisan FPO) बनाना और उन्हें मजबूत करना है (यह लक्ष्य 2019-20 से शुरू हुआ था)।
नोट :- और भी बहुत सारे फायदे हैं जो किसानों को Pm Kisan FPO Yojana के अंतर्गत मिलते हैं, जैसे स्टोरेज सुविधा, ट्रांसपोर्टेशन आदि में मदद।
FPO बनाने और सरकारी सहायता पाने के लिए शर्तें
अगर किसानों का समूह अपना FPO बनाना चाहता है और सरकारी सहायता (जैसे इक्विटी ग्रांट) पाना चाहता है, तो उसे कुछ आवश्यक शर्तें पूरी करनी होती हैं:
1. न्यूनतम सदस्य संख्या
- मैदानी क्षेत्रों के लिए: FPO में कम से कम 300 किसान सदस्य होने चाहिए।
- पहाड़ी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लिए: FPO में कम से कम 100 किसान सदस्य होने चाहिए।
- सदस्यों में छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों को प्राथमिकता दी जाती है।
2. कानूनी पंजीकरण
- FPO को या तो कंपनी अधिनियम, 2013 (या पुराने 1956 एक्ट) के तहत एक प्रोड्यूसर कंपनी (Producer Company) के रूप में, या संबंधित राज्य के सहकारी समिति अधिनियम (Cooperative Societies Act) के तहत एक सहकारी समिति के रूप में पंजीकृत होना चाहिए।
3. व्यावसायिक योजना (Business Plan)
- FPO के पास एक स्पष्ट और व्यावहारिक व्यावसायिक योजना होनी चाहिए, जिसमें यह दर्शाया गया हो कि वह कैसे काम करेगा, सदस्यों को कैसे लाभ पहुंचाएगा, और आर्थिक रूप से कैसे टिकाऊ बनेगा।
- इस योजना में उपज का एकत्रीकरण, प्राथमिक प्रसंस्करण (यदि कोई हो), विपणन रणनीति, वित्तीय अनुमान आदि शामिल होने चाहिए।
4. प्रबंधन और शासन (Management & Governance)
- FPO का प्रबंधन लोकतांत्रिक और पारदर्शी होना चाहिए। एक निर्वाचित निदेशक मंडल (Board of Directors) होना चाहिए जो सक्रिय रूप से काम करे।
- नियमित बैठकें, उचित रिकॉर्ड रखना, और सदस्यों के प्रति जवाबदेही आवश्यक है।
5. इक्विटी योगदान (Equity Contribution)
- सरकारी इक्विटी ग्रांट प्राप्त करने के लिए, FPO के सदस्य किसानों को भी अपनी ओर से शेयर पूंजी (Share Capital) के रूप में योगदान देना होता है। सरकार आमतौर पर सदस्यों द्वारा जुटाई गई इक्विटी के बराबर (या एक निश्चित सीमा तक, जैसे ₹15 लाख प्रति FPO) मैचिंग ग्रांट देती है।
नोट :- यह केवल मुख्य शर्तें हैं। विस्तृत जानकारी और प्रक्रिया के लिए संबंधित Implementating Agency (जैसे SFAC, NABARD, NCDC) या कृषि मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।
Implementing Agencies (कार्यान्वयन एजेंसियां)
PM Kisan FPO Yojana का कार्यान्वयन मुख्य रूप से तीन एजेंसियों के माध्यम से किया जा रहा है:
- SFAC (Small Farmers Agri-Business Consortium): लघु कृषक कृषि व्यापार संघ।
- NABARD (National Bank for Agriculture and Rural Development): राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक।
- NCDC (National Cooperative Development Corporation): राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम।
ये एजेंसियां FPO के गठन, पंजीकरण, प्रशिक्षण, और वित्तीय सहायता प्रदान करने में मदद करती हैं।
वर्तमान में कितने FPOs हैं?
- Kisan FPO Yojana कोई नई अवधारणा नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार की इस विशेष योजना (10,000 FPOs) ने इसे बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया है।
- इस योजना से पहले भी SFAC, NABARD जैसी संस्थाएं FPOs को बढ़ावा दे रही थीं।
- नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 10,000 FPOs बनाने के लक्ष्य के तहत काफी संख्या में FPOs पंजीकृत और कार्यान्वित किए जा चुके हैं। (सटीक संख्या के लिए कृषि मंत्रालय की नवीनतम रिपोर्ट देखें)।
PM Kisan FPO से छोटे और सीमांत किसानों को कैसे मिलेगा विशेष लाभ?
- Kisan FPO योजना का मुख्य फोकस ही छोटे और सीमांत किसानों (Small and Marginal Farmers – SMF) को लाभ पहुंचाना है, क्योंकि वे ही कृषि क्षेत्र में सबसे अधिक चुनौतियों का सामना करते हैं।
किसान एफपीओ से छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों को संगठित होने का अवसर मिलता है।
- FPO के सदस्य के रूप में, वे सामूहिक रूप से उन संसाधनों और अवसरों तक पहुँच प्राप्त कर सकते हैं जो व्यक्तिगत रूप से उनके लिए संभव नहीं थे, जैसे:
- नई तकनीक और मशीनरी का उपयोग।
- बेहतर गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक और कीटनाशक रियायती दरों पर प्राप्त करना।
- अपनी उपज के भंडारण और परिवहन की बेहतर व्यवस्था।
- ऋण और वित्त तक आसान पहुंच।
- अपनी उपज के लिए सीधे बड़े खरीदारों या बाजारों तक पहुंच, जिससे बेहतर मूल्य मिल सके।
- यह योजना विशेष रूप से उन किसानों को लक्षित करती है जिनके पास कम जोत (जैसे 1-2 हेक्टेयर या उससे कम) है, क्योंकि उनकी व्यक्तिगत मोलभाव शक्ति कम होती है।
- FPO बन जाने से छोटे और सीमांत किसानों को तकनीकी ज्ञान, बाजार की जानकारी और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में भी मदद मिलती है, जिससे उनकी आजीविका में सुधार होता है।
नोट :- Pm Kisan FPO Yojana से किसानों को काफी ज्यादा लाभ मिलेगा ,
आप इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि विभाग कार्यालय, KVK (कृषि विज्ञान केंद्र), या SFAC/NABARD/NCDC की वेबसाइट/कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थियों और PM-KCC का संबंध
(यह सेक्शन PM Kisan Samman Nidhi और Kisan Credit Card (KCC) के बारे में है, जो FPO योजना से अलग हैं, लेकिन किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं।)
अगर आप प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लाभार्थी हैं और आपने अभी तक प्रधानमंत्री किसान क्रेडिट कार्ड योजना (PM Kisan KCC) का लाभ नहीं लिया है, तो आप इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। सरकार PM-KISAN लाभार्थियों को आसानी से KCC प्रदान करने के लिए अभियान चलाती है।
नीचे हम आपको संपूर्ण जानकारी दे रहे हैं जिसको अपना कर आप पीएम किसान क्रेडिट कार्ड योजना (pm kcc) का लाभ बहुत ही आसानी से ले सकते हैं । (KCC जानकारी: PM Kisan KCC कैसे बनवाएं?)
Video: PM Kisan FPO योजना और अन्य किसान योजनाएं
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Disclaimer: PM Kisan FPO Yojana भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। इस लेख में दी गई जानकारी (जैसे सदस्य संख्या, ग्रांट राशि, पंजीकरण प्रक्रिया) सरकारी दिशानिर्देशों और उपलब्ध सूचनाओं पर आधारित है, जो समय-समय पर बदल सकती हैं। FPO बनाने या योजना का लाभ लेने के लिए, किसानों और समूहों को कृषि मंत्रालय, SFAC, NABARD, NCDC या राज्य कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइटों और नवीनतम दिशानिर्देशों का संदर्भ लेना चाहिए। यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए है। PM-KISAN और PM-KCC अलग योजनाएं हैं, यद्यपि वे किसानों से संबंधित हैं।
एक किसान उत्पादक कंपनी (एफपीसी) एक संयुक्त स्टॉक कंपनी और एक सहकारी संघ के बीच का एक संगठन है. इसमें एक कंपनी और एक सहकारी संगठन दोनों के गुण हैं. … एक प्राथमिक निर्माता को पशुपालन, रेशम उत्पादन, फूलों की खेती, बागवानी आदि सहित किसानों की एक कृषि उपज के रूप में परिभाषित किया गया है.
इसके लिए किसानों को समूह बनाकर विभाग में आवेदन करना होगा। विभाग द्वारा हर ब्लॉक पर 10 किसानों समूहों को यह लाभ दिया जाएगा। जिसके तहत करीब 70 समूह इसका लाभ उठा सकते हैं। कृषि यंत्रों पर 10 लाख रुपये तक की सब्सिडी देने की योजना अमल में लाई जा रही है।
PM Kisan FPO Yojana: एफपीओ का फुल फॉर्म है फॉर्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशंस. यह एक संगठन है जिसके सदस्य खुद किसान ही होते हैं. यह संगठन छोटे और सीमांत किसानों को पूरी की पूरी मदद करता है. चाहे वह तकनीकी सहायता हो, मार्केटिंग, प्रॉसेसिंग और अन्य सिंचाई की सुविधाएं हों.
एफपीओ यानी किसानी उत्पादक संगठन (कृषक उत्पादक कंपनी) किसानों का एक समूह होगा, जो कृषि उत्पादन कार्य में लगा हो और कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां चलाएगा। एक समूह बनाकर आप कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड करवा सकते हैं।
जैसे की आप सभी लोग जानते है देश के बहुत से ऐसे किसान है जिनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं है खेती करने से उन्हें ज्यादा फायदा नहीं मिल रहा है इन किसानो को आर्थिक राहत पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने इस पीएम किसान एफपीओ योजना 2022 को शुरू की गयी है इस योजना के ज़रिये किसान उत्पादक संगठनों यानी FPO को केंद्र सरकार द्वारा 15