bihar panchayat list , village ward list , village ward list bihar , village ward number , gram panchayat nrega राज्य ब्यूरो पटना : सरकार के द्वारा त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थान और ग्राम कचहरी के प्रतिनिधि के बकाया भक्ता की भुगतान करने के लिए ₹720000000 आवंटित कर दिया गया है। आर के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी के द्वारा बताया गया, जिला परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष,, सदस्य, पंचायत समिति के प्रमुख, उप प्रमुख, सदस्य, ग्राम पंचायत के मुखिया, उप मुखिया, सदस्य, ग्राम कचहरी के सरपंच, उपसरपंच और पंच के मासिक भुगतान को किया जाएगा कुल रकम 72 करोड़ 32 लाख दिया गया। इस रकम से 15 दिसंबर 2022 तक जितना भी बकाया राशि है उसको जल्दी ही देने का निर्देश जारी कर दिया गया।
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इस पर आवंटित किए गए फिर से विभिन्न लोगों को दिया आइए जानते हैं
इसमें एक करोड़ 37 लाख 60 हजार रुपया जिला परिषद अध्यक्ष/ उपाध्यक्ष और सदस्यों की बकाया को भुगतान किया जाएगा। 6 करोड़ 94लाख 40 हजार रुपया पंचायत समिति प्रमुख/ उप प्रमुख एवं सदस्यों को बकाया भुगतान किया जाएगा। 32 करोड़ मुखिया/ उप मुखिया और वार्ड सदस्य की बकाया भुगतान किया जाएगा। और 32 करोड़ रुपया ग्राम कचहरी सरपंच/ उपसरपंच/ एवं पंचों के बकाया भुगतान को किया जाएगा
इन सभी पदों के लिए आइए जानते हैं किस पद पर किन को कितना पैसा मिलता है
जिला परिषद अध्यक्ष को 12 हजार रुपया प्रत्येक महीना दिया जाता है। जिला परिषद उपाध्यक्ष को 10,000 प्रति महीना । प्रमुख को ₹10000 प्रति महीना, उप प्रमुख को 5000 रुपया प्रति महीना, मुखिया को ₹2500 प्रति महीना, उप मुखिया को 1200 रुपया प्रति महीना, सरपंच को ₹2500प्रति महीना, उपसरपंच को 1200 प्रति महीना, जिला परिषद सदस्य को ₹2500 प्रति महीना, पंचायत समिति सदस्य को 1000 रुपया प्रति महीना वार्ड सदस्य एवं पंच को ₹500 प्रति महीना कब भत्ता दिया जाता है सरकार की ओर से।
और बकाया को जल्दी भेज भुगतान करने के लिए पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी के द्वारा निर्देश दिया गया।
कचहरी क्या है?
वह स्थान जहाँ राजा या कोई बड़ा अधिकारी बैठकर व्यवस्था,शासन आदि के कार्य करता हो। आज कल वह स्थान जहाँ न्यायाधिकारी बैठकर वाद विवादों का निर्णय या विचार करता है।
ग्राम कचहरी का गठन कब हुआ?
संविधान निर्माताओं के इस अभिलाषा को साकार करने हेतु वर्ष 2006 में बिहार पंचायत राज अधिनियम में विशेष व्यवस्था की गई। बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा-90 के तहत ग्राम कचहरी की स्थापना का प्रावधान है।
सरपंच का क्या क्या काम है?
सरपंच भारत में स्थानीय स्वशासन के लिए गांव स्तर पर विधिक संस्था ग्राम पंचायत का प्रधान होता है। पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के गॉवों में भी यह प्रसाशन प्रणाली पायी जाती है। सरपंच चुने गए पंचों की मदद से ग्राम पंचायत के महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेता है। सरपंच का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
ग्राम पंचायत का मुख्य उद्देश्य क्या है?
नागरिकों को अवसर प्रदान करना ताकि वह अपने हित से जुडे़ सामाजिक और आर्थिक विषयों पर खुद विचार करें और गांव के विकास के लिए योजना बनाएं। पंचायती राज व्यवस्था तीन स्तरों पर होगी। सबसे नीचे ग्राम पंचायत, उसके ऊपर पंचायत समिति और सबसे ऊपर जिला परिषद् होती है।
सरपंच को 5 साल में कितना बजट मिलता है?
12 रुपए पंचायत समिति को और 85 रुपए सीधे ग्राम पंचायत को मिलते हैं। तेरहवां वित्त आयोग { भारतसरकार से प्रति व्यक्ति के हिसाब से पैसा आता है। राज्यवित्त आयोग निर्बंध योजना{ इनकेजरिए ग्राम पंचायत के विकास के लिए साल में तीन बार बजट मिलता है। ऐसे में एक ग्राम पंचायत को कम से कम भी हर साल नौ लाख रुपए का बजट मिलता है।
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12 रुपए पंचायत समिति को और 85 रुपए सीधे ग्राम पंचायत को मिलते हैं। तेरहवां वित्त आयोग { भारतसरकार से प्रति व्यक्ति के हिसाब से पैसा आता है। राज्यवित्त आयोग निर्बंध योजना{ इनकेजरिए ग्राम पंचायत के विकास के लिए साल में तीन बार बजट मिलता है। ऐसे में एक ग्राम पंचायत को कम से कम भी हर साल नौ लाख रुपए का बजट मिलता है।
नागरिकों को अवसर प्रदान करना ताकि वह अपने हित से जुडे़ सामाजिक और आर्थिक विषयों पर खुद विचार करें और गांव के विकास के लिए योजना बनाएं। पंचायती राज व्यवस्था तीन स्तरों पर होगी। सबसे नीचे ग्राम पंचायत, उसके ऊपर पंचायत समिति और सबसे ऊपर जिला परिषद् होती है।
सरपंच भारत में स्थानीय स्वशासन के लिए गांव स्तर पर विधिक संस्था ग्राम पंचायत का प्रधान होता है। पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के गॉवों में भी यह प्रसाशन प्रणाली पायी जाती है। सरपंच चुने गए पंचों की मदद से ग्राम पंचायत के महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेता है। सरपंच का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
संविधान निर्माताओं के इस अभिलाषा को साकार करने हेतु वर्ष 2006 में बिहार पंचायत राज अधिनियम में विशेष व्यवस्था की गई। बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा-90 के तहत ग्राम कचहरी की स्थापना का प्रावधान है।
वह स्थान जहाँ राजा या कोई बड़ा अधिकारी बैठकर व्यवस्था,शासन आदि के कार्य करता हो। आज कल वह स्थान जहाँ न्यायाधिकारी बैठकर वाद विवादों का निर्णय या विचार करता है।