Russia Ukraine War Reason: क्या है रूस-यूक्रेन विवाद की जड़, तीसरे विश्व युद्ध का पूरी कहानी कब और क्यों ,कहा,कैसे चालू हुआ युद्ध ?

By SANJEET KUMAR

Updated on:

russia ukraine war reason ll russia ukraine khabar ll russia ukraine war news ll russia ukraine war ll ukraine war reason hindi , रूस व यूक्रेन के बीच घमासान जंग जारी है। दोनों देशों की सेनाएं मोर्चे पर डटी हैं। चारों ओर तबाही का मंजर नजर आ रहा है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर इस जंग व विवाद की जड़ क्या है? सोवियत संघ के जमाने में मित्र रहे ये प्रांत दो देश बनने के बाद एक दूसरे के शत्रु क्यों बन गए हैं? निचे दिए गए मामलों को अच्छी तरीका से पढ़े 

आइए जानते हैं क्या थी इनकी वजह और कैसे बदतर हुए हालात:-

पहला विश्व युद्ध का नतीजा यह था 

28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी के सिंहासन के उत्तराधिकारी आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की बोस्निया में एक सर्बियाई ने गोली मारकर हत्या कर दी। ऑस्ट्रिया ने इस घटना के लिए सर्बिया को जिम्मेदार ठहराया और 48 घंटे में पक्ष रखने को कहा, लेकिन सर्बिया ने इसे नजरअंदाज किया। नाराज ऑस्ट्रिया ने 28 जुलाई 1914 को सर्बिया पर हमला बोल दिया। इसके साथ ही पहले विश्व युद्ध का आगाज हो गया।

russia ukraine war reason

 

मित्र देश सर्बिया का साथ देने के लिए रूस भी जंग में उतर गया। एक तरफ जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी, तुर्की और बुल्गारिया शामिल थे तो दूसरी ओर थे-ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, इटली, जापान। 1917 में अमेरिका भी मित्र राष्ट्रों की ओर से युद्ध में शामिल हो गया।

सोवियत संघ के जमाने में कभी मित्र रहे ये प्रांत दो देश बनने के बाद एक दूसरे के शत्रु क्यों बन गए हैं? चलिए जानते है l 

  • ✔️ यूक्रेन की सीमा पश्चिम में यूरोप और पूर्व में रूस से जुड़ी है। 1991 तक यूक्रेन पूर्ववर्ती सोवियत संघ का हिस्सा था। 
  • ✔️ रूस और यूक्रेन के बीच तनाव नवंबर 2013 में तब शुरू हुआ जब यूक्रेन के तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच का कीव में विरोध शुरू हुआ। जबकि उन्हें रूस का समर्थन था।
  • ✔️ यानुकोविच को अमेरिका-ब्रिटेन समर्थित प्रदर्शनकारियों के विरोध के कारण फरवरी 2014 में देश छोड़कर भागना पड़ा।
  • ✔️ इससे खफा होकर रूस ने दक्षिणी यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया। इसके बाद वहां के अलगाववादियों को समर्थन दिया। इन अलगाववादियों ने पूर्वी यूक्रेन के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया।
  • ✔️ 2014 के बाद से रूस समर्थक अलगाववादियों और यूक्रेन की सेना के बीच डोनबास प्रांत में संघर्ष चल रहा था। 
  • ✔️ इससे पहले जब 1991 में यूक्रेन सोवियत संघ से अलग हुआ था तब भी कई बार क्रीमिया को लेकर दोनों देशों में टकराव हुआ। 
  • ✔️ 2014 के बाद रूस व यूक्रेन में लगातार तनाव व टकराव को रोकने व शांति कायम कराने के लिए पश्चिमी देशों ने पहल की। फ्रांस और जर्मनी ने 2015 में बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में दोनों के बीच शांति व संघर्ष विराम का समझौता कराया। 
  • ✔️ हाल ही में यूक्रेन ने नाटो से करीबी व दोस्ती गांठना शुरू किया। यूक्रेन के नाटो से अच्छे रिश्ते हैं। 1949 में तत्कालीन सोवियत संघ से निपटने के लिए नाटो यानी ‘उत्तर अटलांटिक संधि संगठन’ बनाया गया था। यूक्रेन की नाटो से करीबी रूस को  नागवार गुजरने लगी। 

russia ukraine war reason

  • ✔️ अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के 30 देश नाटो के सदस्य हैं। यदि कोई देश किसी तीसरे देश पर हमला करता है तो नाटो के सभी सदस्य देश एकजुट होकर उसका मुकाबला करते हैं। रूस चाहता है कि नाटो अपना विस्तार न करे। राष्ट्रपति पुतिन इसी मांग को लेकर यूक्रेन व पश्चिमी देशों पर दबाव डाल रहे थे।
  • ✔️ आखिरकार रूस ने अमेरिका व अन्य देशों की पाबंदियों की परवाह किए बगैर गुरुवार को यूक्रेन पर हमला बोल दिया। अब तक तो नाटो, अमेरिका व किसी अन्य देश ने यूक्रेन के समर्थन में जंग में कूदने का एलान नहीं किया है। वे यूक्रेन की परोक्ष मदद कर रहे हैं, ऐसे में  कहना मुश्किल है कि यह जंग क्या मोड़ लेगी। यदि यूरोप के देशों या अमेरिका ने रूस के खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई की तो समूची दुनिया के लिए मुसीबत पैदा हो सकती है। 

90 लाख से भी ज्यादा अपना जान गवाई

पहला विश्व युद्ध 28 जुलाई 1914 से 11 नवंबर 1918 तक चला। इस दौरान 90 लाख से ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें 50 लाख से अधिक आम नागरिक थे। 11 नवंबर 1918 को जर्मनी के आत्मसमर्पण के साथ ही विश्व युद्ध खत्म हुआ था

पोलैंड पर जर्मनी के हमले से छिड़ा दूसरा विश्व युद्ध

इटली में 1922 में बेनिटो मुसोलिनी और जर्मनी में 1933 में एडोल्फ हिटलर के रूप में फासीवादी तानाशाही सरकारों का गठन हुआ। हिटलर ने मार्च 1939 में चेकोस्लोवाकिया पर हमला करके उस पर कब्जा कर लिया। इसके बाद 1 सितंबर 1939 को पोलैंड पर हमला कर दिया।

पोलैंड की मदद के लिए ब्रिटेन और फ्रांस जर्मनी के खिलाफ उतर आए। इसके साथ दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो गई। एक ओर जहां जर्मनी, इटली, जापान, ऑस्ट्रिया शामिल थे। तो दूसरी ओर ब्रिटेन, फ्रांस, सोवियत संघ। अमेरिका के उतरने के बाद जर्मनी को हारता देख तानाशाह हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को आत्महत्या कर ली, जिसके बाद जर्मनी ने आत्मसमर्पण कर दिया। अमेरिका ने 6 अगस्त और 9 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु बम गिराए, जिसमें लाखों लोग मारे गए। इससे 2 सितंबर 1945 को जापान ने सरेंडर कर दिया और युद्ध खत्म हुआ।

रूस ने यूक्रेन पर हमला क्यों किया?

अब हम उन कारणों की बात करते हैं जिसकी वजह से रूस को यूक्रेन पर हमले का कदम उठाना पड़ा है। इसकी सबसे बड़ी वजह अमेरिका द्वारा यूक्रेन को नाटो संगठन में शामिल करने की कवायद है। अमेरिका के वर्चस्‍व वाले इस संगठन में 30 देश शामिल हैं जिनमें से अधिकतर यूरोप के ही हैं। हालांकि इसमें सबसे अधिक जवान अमेरिका के ही हैं।
 
russia ukraine war reason
 

क्या रूस नाटो का सदस्य है?

हालांकि, यूक्रेन ने नाटो में शामिल होने को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं किया है। यदि यूक्रेन नाटो में शामिल होता है तो मौजूदा स्थिति के अनुसार नाटो की सेनाएं यूक्रेन की सीमाओं पर स्थायी मौजूदगी हो जाएगी। वहीं, रूस नहीं चाहता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल हो। एस्टोनिया और लातविया नाटो के सदस्य हैं।
 

नाटो क्या है in Hindi?

नाटो कुछ देशों का एक इंटरगवर्नेंट मिलिट्री संगठन है. इसका मकसद साझा सुरक्षा नीति पर काम करना है. जैसे मान लीजिए अगर किसी नाटो देश पर कोई दूसरा देश हमला करता है तो पूरे नाटो के देश प्रभावित देश के साथ खड़े हो जाते हैं और उसकी मदद करते हैं. इसका पूरा नाम नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) है.
 
नाटो में कौन कौन से देश हैं?
 
1948 में बर्लिन को भी घेर लिया। इसके बाद अमेरिका ने सोवियत संघ की विस्तारवादी नीति को रोकने के लिए 1949 में नाटो की स्थापना की। नाटो बना, तब इसके 12 सदस्य देश थे। अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, इटली, नीदरलैंड, आइसलैंड, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, नॉर्वे, पुर्तगाल और डेनमार्क।
 

नाटो की स्थापना क्यों की गई?

रूस के हमलों से बचने के लिए द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1949 में उत्तरी अमेरिका और यूरोप के 12 सदस्यों के साथ नाटो की स्थापना की गई थी. नाटो चार्टर का अनुच्छेद 5 केवल सदस्य देशों को सुरक्षा देने के लिए नाटो को हमले की इजाजत देता है.
russia ukraine war reason , russia ukraine war reason , russia ukraine khabar , russia ukraine khabar , russia ukraine khabar ,. russia ukraine khabar , russia ukraine war news , russia ukraine war news , russia ukraine war news , russia ukraine war news , ukraine war reason hindi , ukraine war reason hindi , ukraine war reason hindi , ukraine war reason hindi , russia ukraine khabar
 
Friends, to update, you will answer any question in your mind, you will be disabled forever, you will ask what is your answer.

Note: – In the same way, we will first give information about the new or old government schemes launched by the Central Government and the State Government on this website.cscdigitalsevasolutions.com If you give through, then do not forget to follow our website.

If you liked this article then do like and share it.

Thanks for reading this article till the end…

Posted by Sanjit Gupta

Join Our Group For All Information And Update, Also Follow me For Latest Information
Whatsapp Group Join Now ↗️Click Here
Facebook Page ↗️Click Here
Instagram ↗️Click Here
Telegram Channel Techguptaji ↗️Click Here
Telegram Channel Sarkari Yojana ↗️Click Here
Twitter ↗️Click Here
Website  ↗️Click Here
 
russia ukraine war reason
✔️ नाटो की स्थापना क्यों की गई?

रूस के हमलों से बचने के लिए द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1949 में उत्तरी अमेरिका और यूरोप के 12 सदस्यों के साथ नाटो की स्थापना की गई थी. नाटो चार्टर का अनुच्छेद 5 केवल सदस्य देशों को सुरक्षा देने के लिए नाटो को हमले की इजाजत देता है.

✔️ नाटो में कौन कौन से देश हैं?

1948 में बर्लिन को भी घेर लिया। इसके बाद अमेरिका ने सोवियत संघ की विस्तारवादी नीति को रोकने के लिए 1949 में नाटो की स्थापना की। नाटो बना, तब इसके 12 सदस्य देश थे। अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, इटली, नीदरलैंड, आइसलैंड, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, नॉर्वे, पुर्तगाल और डेनमार्क।

✔️ नाटो क्या है in Hindi?

नाटो कुछ देशों का एक इंटरगवर्नेंट मिलिट्री संगठन है. इसका मकसद साझा सुरक्षा नीति पर काम करना है. जैसे मान लीजिए अगर किसी नाटो देश पर कोई दूसरा देश हमला करता है तो पूरे नाटो के देश प्रभावित देश के साथ खड़े हो जाते हैं और उसकी मदद करते हैं. इसका पूरा नाम नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) है.

✔️ क्या रूस नाटो का सदस्य है?

हालांकि, यूक्रेन ने नाटो में शामिल होने को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं किया है। यदि यूक्रेन नाटो में शामिल होता है तो मौजूदा स्थिति के अनुसार नाटो की सेनाएं यूक्रेन की सीमाओं पर स्थायी मौजूदगी हो जाएगी। वहीं, रूस नहीं चाहता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल हो। एस्टोनिया और लातविया नाटो के सदस्य हैं।

✔️ रूस ने यूक्रेन पर हमला क्यों किया?

 अब हम उन कारणों की बात करते हैं जिसकी वजह से रूस को यूक्रेन पर हमले का कदम उठाना पड़ा है। इसकी सबसे बड़ी वजह अमेरिका द्वारा यूक्रेन को नाटो संगठन में शामिल करने की कवायद है। अमेरिका के वर्चस्‍व वाले इस संगठन में 30 देश शामिल हैं जिनमें से अधिकतर यूरोप के ही हैं। हालांकि इसमें सबसे अधिक जवान अमेरिका के ही हैं।

Sanjeet Kumar is a graduate of Journalism, Psychology, and English. Passionate about communication - with words spoken and unspoken, written and unwritten - he looks forward to learning and growing at every opportunity. Pursuing a Post-graduate Diploma in Translation Studies, he aims to do his part in saving the 'lost…

Leave a Comment