sarkari drone yijana ll drone yojana kya hai ll PM drone yojana ll e-shram card benefits ll PM yojana 11 kist आइए जानते हैं ड्रोन खरीदने से किसानों को क्या लाभ मिलेगा और वह इसे कैसे उपयोग करेंगे , केंद्र सरकार की ओर से ड्रोन को खेती में इस्तेमाल करने के लिए काफी जोर-शोर दिया जा रहा है। इन सभी के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि वह कृषि को हाईटेक बनाना चाहते हैं। किसानों को ड्रोन की मदद से कम समय में अधिक खेती की सहायता मिल सकेगी ।वैसे किसानों को नॉर्मल उपयोग की मदद से सिंचाई में बहुत अधिक टाइम लगता है। ड्रोन को भी अब किसी यंत्रों में शामिल कर दिया गया है इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को लोन के लिए सब्सिडी भी दिया जाएगा। किसानों को ड्रोन खरीदने के लिए ₹500000 तक का सब्सिडी दिया जा रहा है।
Contents
- 1 ड्रोन पर अनुदान
- 2 कस्टम हायरिंग केंद्र का विस्तार
- 3 किसानों को ड्रोन उड़ाने का दिया जाएगा प्रशिक्षण
- 4 फसल की सिंचाई की निगरानी
- 5 वैसे ड्रोन से कई सारे लाभ किसानों को मिलते हैं जैसे
- 6 कृषि उपयोग में ड्रोन के उपयोग के लिए इन नियमों का करना पड़ेगा पालन होगा
- 7 What is the smallest drone I can buy?
- 8 How far can a drone fly?
- 9 Do you need a Licence to fly a drone?
- 10 Can I buy a drone in India?
- 11 What is mini drone?
- 12 Can drones fly in rain?
ड्रोन पर अनुदान
श्री चौधरी ने बताया कि भारत सरकार ने सबमिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन कहत कृषि यंत्रों की सूची में ड्रोन को शामिल कर दिया है। जिसके तहत अनुसूचित जाति जनजाति लघु सीमांत एवं तथा महिलाओं को किसी को प्रति यंत्र लागत का 50% या अधिकतम ₹500000 तक का अन्य कृषि को लागत का 40% यानी अधिकतम ₹400000 तक का अनुदान ड्रोन खरीदने के लिए दिया जाएगा। सरकार के निर्देशों के अनुसार प्रदेश में ड्रोन के लिए निर्माताओं को पंजीकरण करवाया जायेगा।
कस्टम हायरिंग केंद्र का विस्तार
संचालक कृषि अभियांत्रिकी ने बताया कि प्रदेश में एग्रीकल्चर ड्रोन उनके लिए योजना तैयार की जा रही है। जिसके तहत कस्टम हायरिंग केंद्र का विस्तार किया जा रहा है। इन सभी केंद्रों पर ड्रोन उपलब्ध होंगे जिन्हें किसान किराए पर अपनी फसल की सिंचाई के लिए ले जा सकते हैं। प्रदेश में 350 कस्टम हायरिंग केंद्र का कार्य शुरू हो चुका है। कृषि यंत्र उपलब्ध होंगे जिसे छोटे किसान एवं मध्यम वर्ग के किसान किराए पर ले जा सकेंगे। इन सभी सेंटर के माध्यम से किसानों को खेत तैयार करने मोगली और कटाई के लिए यंत्र भी किराए पर मिलेंगे। जिससे किसान अपना काम कम समय में सकते हैं।
किसानों को ड्रोन उड़ाने का दिया जाएगा प्रशिक्षण
श्री चौधरी ने बताया कि प्रदेश में अभियांत्रिकी संचालन के तहत वर्तमान में पांच कौशल विकास केंद्र चलाए जाएंगे जहां युवाओं को बेरोजगार को ट्रैक्टर , रोटाबेटर और हार्वेस्टर चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह सभी केंद्र भोपाल, ग्वालियर जबलपुर, सागर एवं सतना में उपलब्ध होंगे। और साथ ही यह भी बताया गया है कि छठा कौशल विकास केंद्र इंदौर में खोला जा रहा है। कौशल विकास के इन सभी केंद्रों पर कर लो के साथ ड्रोन उड़ाने एवं उसके रखरखाव का प्रशिक्षण दिया जाएगा यह प्रशिक्षण रोड निर्माता कंपनी देगी। जिससे किसानों को अपनी खेती के लिए ड्रोन चलाना सिखाया जाएगा।
ड्रोन की मदद से किसानों को मिलने वाला लाभ
दुनिया भर में कृषि कार्यों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ड्रोन का उपयोग बढ़ रहा है। भारत में भी सरकार कृषि चित्रों में तकनीकी के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। ताकि बेहतर उपज के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि हो महाराष्ट्र राजस्थान आदि राज्यों के तमाम किसान खेती किसान कार्य के लिए रोड का उपयोग किया जा रहा है। महाराष्ट्र, राजस्थान आदि राज्यों के तमाम किसान खेती किसानी के कार्यों में ड्रोन का उपयोग कर रहा है।
किसानों खेती के अधिनियम उपकरणों में से एक कि यंत्र है। जिसके इस्तेमाल से किसान को काफी मदद मिल सकती है। ड्रोन की मदद से किसान बड़े पैमाने पर महज कुछ मिनटों में कितना शाखा दिया दवाओं का छिड़काव कर सकते हैं ।इसमें न सिर्फ लागत में कमी आएगी बल्कि समय की भी बचत होगी ।और किसान को अपने रखरखाव का भी अच्छा उपयोग होगा। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सही समय पर खेतों में कीट प्रबंधन किया जा सकेगा सरकार ने देश में ही ड्रोन के विकास को बढ़ावा देने के लिए इसके आयात पर भी रोक लगा दी है।
पिछले कुछ वर्षों में कृषि ड्रोन तकनीकी में काफी सुधार हुआ अब किसान भी इस बात को समझने लगे कि कैसे ड्रोन तकनीकी से उन्हें काफी ज्यादा मदद मिल सकती है। आमतौर पर किसी क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग मैपिंग सर्वेक्षण से लेकर कीटनाशक छिड़काव तक होता है। कृषि ड्रोन दूसरे ड्रोन से अलग नहीं है। इस छोटे यूएवी को किसान की जरूरत के हिसाब से बदला जा सकता है। हालांकि अब कई ड्रोन विशेष रूप से कृषि उपयोग के लिए ही विकसित किया जा रहा है।
फसल की सिंचाई की निगरानी
फसल की सिंचाई की निगरानी: अगर किसान अपनी फसल के बड़े पैमाने पर सिंचाई कर रही है तो ड्रोन की मदद से निगरानी में मदद मिल सकती है। इससे मल्टीस्पेक्ट्रेल सेंसर उन सभी क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं जो बहुत सुस्क हैं। इसमें किसान को पूरे क्षेत्र में बेहतर सिंचाई मिल सकती है। ड्रोन सर्वेक्षण से फसल की जल ग्रहण क्षमता में भी काफी ज्यादा सुधार हो सकता है।सिंचाई के दौरान संभावित रिसाव के बारे में भी जानकारी हासिल किया जा
सकता है।
ड्रोन की छमता को देखा जाए तो ड्रोन की मदद से किसान आमतौर पर 15 मिनट में करीब 2.5 एकड़ मैं कीटनाशक का छिड़काव कर सकता है ऐसे में ड्रोन का समस्या का हल हो सकता है। जबकि वैसे किसान अपनी इस फसल की सिंचाई को लगभग करने में पूरे दिन का समय लग जाता है।
वैसे ड्रोन से कई सारे लाभ किसानों को मिलते हैं जैसे
- ✔️ ड्रोन की मदद से किसानों को फसल में आमदनी भी बढ़ेगी।
- ✔️ ड्रोन की मदद से किसान कम से कम समय में अधिक क्षेत्रफल की सिंचाई कर सकता है।
- ✔️ ड्रोन की मदद से किसानों को बीज को बिखरने में काफी लाभदायक होता है।
- ✔️ उनकी सहायता से खेती में लागत में कमी हो सकती है।
- ✔️ कृषि में ड्रोन के इस्तेमाल से ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलने का अवसर मिलेगा।
कृषि उपयोग में ड्रोन के उपयोग के लिए इन नियमों का करना पड़ेगा पालन होगा
नगर विमानन मंत्रालय एमओसीए और नगर विमानन महानिदेशक डीजीसीए सशक्त छूट सीमा के माध्यम से ड्रोन परिचालन की अनुमति दी जा रही है। फोन के उपयोग को शुरू करने के लिए 25 अगस्त 2021 को डीएसआईआर संख्या 589 के माध्यम से ड्रोन नियम 2021 प्रकाशित किया गया था। कृषि कल्याण विभाग कृषि वन विभाग गैर फसल चित्र आदि में फसल संरक्षण के लिए उर्वरक के साथ ड्रोन का उपयोग और मिट्टी तथा फसलों का पोषक तत्व के छिड़काव के लिए मानक बना दिया गया।
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Thanks for reading this article till the end…
Posted by Sanjit Gupta
What is a mini drone exactly? Mini drones are generally small enough to fit in your hand but are not to be confused with toy drones. Their compact bodies and controllers do not mean that they are technologically compromised as they retain the camera quality and features usually associated with larger drones.
Under India’s new drone rules, you do not require security clearance to operate and fly mini drones and nano drones in the air. Nano drones (less than 250 gm) are exempted from obtaining any licence. In addition, no remote pilot licence is required for micro drones (for non-commercial use).
Who needs a drone licence? To put it simply, drone licences don’t exist. There is no longer a distinction between a hobbyist and a commercial operator. It all comes down to what aircraft you are using and where you are operating.
But the physical limits of your drone’s range must give way to the legal requirement to keep your drone in sight at all times during flight. While a toy drone might have a range of about 20 to 100 yards, a high-end consumer drone can have a range of about 2.5 to 4.5 miles (4 – 8km).
The Piccolissimo is the world’s smallest self-powered controllable drone. It comes in two sizes, a quarter-sized one weighing less than 2.5 grams and a larger, steerable one that’s heavier by 2 grams and wider by a centimeter (. 39 inches).
very avry amazing good knowledge thank u so much sir